श्री गणेश आरती व मंत्र
श्री गणेश जी की आरती, साथ में गणेश पूजा में प्रयोग होने वाले मंत्रो की जानकारी। दोस्तों आज के लेख में हम श्री गणेश जी की आरती व गणेश पूजा में प्रयोग होने वाले विविध मंत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ।
श्री गणेश जी का मंत्र
दोस्तों अब हम आपको भगवान श्री गणेश जी की पूजा में कौन से कार्य किस मंत्र के साथ करना चाहिए, यह बतायेंगे :-
श्री गणेश बीज मंत्र :
ॐ गं गणपतये नमः॥
श्री गणेश जी को सिंदूर अर्पित करते समय निचे दिए गए मंत्र को पढ़ना चाहिए :-
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥
श्री गणेश जी को अक्षत ( चावल ) चढ़ाने के वक्त इस मंत्र का जाप करना चाहिए :-
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठं कुम्कुमाक्तः सुशोभितः।
माया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वरः॥
नीचे दिए गए इस मंत्र के साथ श्री गणेश जी को दूर्वा अर्पित करना चाहिए :-
त्वं दूर्वे मृतजन्मानि वन्दितासि सुरैरपि।
सौभाग्यं संततिं देहि सर्वकार्यकरो भव॥
श्री गणेश जी को यज्ञोपवीत समर्पित करते समय निचे दिए गए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए :-
नवभिस्तन्तुभिर्युक्तं त्रिगुणं देवतामयम्।
उपवीतं मया दत्तं गृहाण परमेश्वर॥
श्री गणेश जी को पुष्प समर्पित करते समय इस मंत्र का जाप करें :-
पुष्पैर्नांनाविधेर्दिव्यै: कुमुदैरथ चम्पकै:।
पूजार्थ नीयते तुभ्यं पुष्पाणि प्रतिगृह्यतां॥
श्री गणेश जी को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करें :-
शर्कराघृत संयुक्तं मधुरं स्वादुचोत्तमम।
उपहार समायुक्तं नैवेद्यं प्रतिगृह्यतां॥
श्री गणेश जी की वंदना नीचे दिए मंत्र से करें :-
वन्दहुं विनायक, विधि-विधायक, ऋद्धि-सिद्धि प्रदायकम्।
गजकर्ण, लम्बोदर, गजानन, वक्रतुण्ड, सुनायकम्॥
श्री एकदन्त, विकट, उमासुत, भालचन्द्र भजामिहम।
विघ्नेश, सुख-लाभेश, गणपति, श्री गणेश नमामिहम॥
गणेश पूजा के बाद इस मंत्र से भगवान श्री गणेश को प्रणाम करना चाहिए :-
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय ,
लंबोदराय सकलाय जगध्दिताय।
नागाननाय श्रुतियग्यविभुसिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
किसी भी कार्य के प्रारंभ में श्री गणेश जी की आराधना इस मंत्र से करना चाहिए :-
ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥
आइए अब श्री गणेश जी का विविध मंत्र जानते हैं।
1. ॐ श्री गणेशाय नम:
2. गं गणपतये नम:
3. ॐ गं गणपतये नम:
4. ॐ गं ॐ गणाधिपतये नम:
5. ॐ सिद्धि विनायकाय नम:
6. ॐ गजाननाय नम.
7. ॐ एकदंताय नमो नम:
8. ॐ लंबोदराय नम:
9. ॐ वक्रतुंडाय नमो नम:
10. ॐ गणाध्यक्षाय नमः
11. ॐ गणाधिपाय नमः
12. ॐ उमापुत्राय नमः
13. ॐ विघ्ननाशनाय नमः
14. ॐ विनायकाय नमः
15. ॐ ईशपुत्राय नमः
16. ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
17. ॐ इभवक्त्राय नमः
18. ॐ मूषकवाहनाय नमः
19. ॐ कुमारगुरवे नमः
श्री गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
तांत्रिक गणेश मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।।
गणेश कुबेर मंत्र
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
दोस्तों आज के लेख में हमने श्री गणेश जी की आरती व गणेश पूजा में प्रयोग होने वाले मंत्रो के बारे में जानकारी प्राप्त किया। आप अपनी राय या सुझाव हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं।