Giriraj Chalisa Lyrics: श्री गिरिराज चालीसा व इसके चमत्कारिक लाभ
श्री गिरिराज चालीसा लिरिक्स हिंदी व अंग्रेजी में तथा इसके फायदे। श्री गिरिराज चालीसा विडियो, श्री गिरिराज जी की आरती। आइए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं आज के लेख में हम क्या क्या जानेंगे :-
- श्री गिरिराज चालीसा – हिंदी में
- श्री गिरिराज चालीसा पाठ MP3 Song
- श्री गिरिराज चालीसा पाठ के फायदे
- श्री गिरिराज चालीसा – विडियो
- श्री गिरिराज जी की आरती
1. श्री गिरिराज चालीसा – हिंदी में
( श्री गिरिराज चालीसा विडियो )
।।दोहा।।
बंदहुं वीणा वादिनी, धरि गणपति को ध्याना ।
महाशक्ति राधा सहित, कृष्ण करौ कल्याण ।।
सुमिरन करि सब देवगण, गुरु पितु बारम्बार ।
बरनौ श्री गिरिराज यश, निज मति के अनुसार ।।
।।चौपाई।।
जय हो जय बंदित गिरिराजा ।
ब्रज मंडल के श्री महाराजा ।।1
विष्णु रूप तुम हो अवतारी ।
सुंदरता पै जग बलिहारी ।।2
स्वर्ण शिखर अति शोभा पामें ।
सुर मुनि गण दरशन कूं आमें ।।3
शांत कंदरा स्वर्ग समाना ।
जहां तपस्वी धरते ध्याना ।।4
द्रोणगिरि के तुम युवराजा ।
भक्तन के साधौ हौ काजा ।।5
मुनि पुलस्त्य जी के मन भाए ।
जोर विनय कर तुम कूं लाए ।।6
मुनिवर संघ जब ब्रज में आए ।
लखि ब्रजभूमि यहाँ ठहराए ।।7
विष्णु धाम गौलोक सुहावन ।
यमुना गोवर्धन वृंदावन ।।8
देख देव वन में ललचाए ।
बास करन बहु रूप बनाए ।।9
कोउ बानर कोउ मृग के रूपा ।
कोउ वृक्ष कोउ लता स्वरूपा ।।10
आनंद लें गोलोक धाम के ।
परम उपासक रूप नाम के ।।11
द्वापर अंत भये अवतारी ।
कृष्णचंद्र आनंद मुरारी ।।12
महिमा तुम्हारी कृष्ण बखानी ।
पूजा करिबे की मन ठानी ।।13
ब्रजवासी सबके लिए बुलाई ।
गोवर्द्धन पूजा करवाई ।।14
पूजन कूं व्यंजन बनवाए ।
ब्रजवासी घर घर ते लाए ।।15
ग्वाल बाल मिलि पूजा कीनी ।
सहस भुजा तुमने कर लीनी ।।16
स्वयं प्रकट हो कृष्ण पूजा में ।
मांग मांग के भोजन पामें ।।17
लखि नर नारी मन हरषामें ।
जै जै जै गिरिवर गुण गामें ।।18
देवराज मन में रिसियाए ।
नष्ट करन ब्रज मेघ बुलाए ।।19
छांया कर ब्रज लियौ बचाई ।
एकउ बूंद न नीचे आई ।।20
सात दिवस भई बरसा भारी ।
थके मेघ भारी जल धारी ।।21
कृष्णचंद्र ने नख पै धारे ।
नमो नमो ब्रज के पखवारे ।।22
करि अभिमान थके सुरसाई ।
क्षमा मांग पुनि अस्तुति गाई ।।23
त्राहि माम् मैं शरण तिहारी ।
क्षमा करो प्रभु चूक हमारी ।।24
बार बार बिनती अति कीनी ।
सात कोस परिकम्मा दीनी ।।25
संग सुरभि ऎरावत लाए ।
हाथ जोड़कर भेंट गहाए ।।26
अभय दान पा इंद्र सिहाए ।
करि प्रणाम निज लोक सिधाए ।।27
जो यह कथा सुनैं चित्त लावैं ।
अंत समय सुरपति पद पावैं ।।28
गोवर्द्धन है नाम तिहारौ ।
करते भक्तन कौ निस्तारौ ।।29
जो नर तुम्हरे दर्शन पावें ।
तिनके दुख दूर ह्वै जावें ।।30
कुण्डन में जो करें आचमन ।
धन्य धन्य वह मानव जीवन ।।31
मानसी गंगा में जो नहावें ।
सीधे स्वर्ग लोग कूं जावें ।।32
दूध चढ़ा जो भोग लगावै ।
आधि व्याधि तेहि पास न आवें ।।33
जल फल तुलसी पत्र चढ़ावें ।
मन वांछित फल निश्चय पावें ।।34
जो नर देत दूध की धारा ।
भरौं रहे ताकौ भंडारा ।।35
करें जागरण जो नर कोई ।
दुख दरिद्र भय ताहि न होई ।।36
“ओम” शिलामय निज जन त्राता ।
भक्ति मुक्ति सरबस के दाता ।।37
पुत्रहीन जो तुम कूं ध्यावें ।
ताकूं पुत्र प्राप्ति ह्वै जावें ।।38
दंडौती परिकम्मा करहीं ।
ते सहजहि भवसागर तरहीं ।।39
कलि में तुमसम देव न दूजा ।
सुर नर मुनि सब करते पूजा ।।40
।।दोहा।।
जो यह चालीसा पढ़े, शुद्ध चित्त लाय ।
सत्य सत्य यह सत्य है, गिरिवर करैं सहाय ।
क्षमा करहुं अपराध मम, त्राहि माम् गिरिराज ।
श्याम बिहारी शरण में, गोवर्द्धन महाराज ।।
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श्री गिरिराज चालीसा के 10 अद्भुत चमत्कारिक फायदे
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2. श्री गिरिराज चालीसा पाठ MP3 Song
आइए अब श्री गिरिराज चालीसा पाठ का MP3 Song सुनते हैं। श्री गिरिराज चालीसा का MP3 Song सुनने के लिए नीचे क्लिक करें :-
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3. श्री गिरिराज चालीसा पाठ के फायदे
हमारे सनातन धर्म में प्रकृति को परमात्मा का रूप माना गया है। हम सनातन काल से अलग अलग रु़पों में प्रकृति की पूजा करते आये हैं। चाहे नदी हो पर्वत हो या फिर वृक्ष सभी में परमात्मा का दर्शन करते हैं।
कलियुग में गोवर्धन पर्वत को श्री गिरिराज कहते हैं। इनकी परिक्रमा बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है। सच्चे मन से इनकी परिक्रमा से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गोवर्धन पर्वत को भगवान श्री कृष्ण का साक्षात स्वरूप माना गया है।
कलियुग में गिरिराज गोवर्धन को भगवान कृष्ण का ही साक्षात स्वरूप मानकर उनकी परिक्रमा की जाती है। गिरिराज गोवर्धन की यह परिक्रमा अनंत फलदायी व पुण्यप्रद होती है।
गिरिराज चालीसा का पाठ जो भी व्यक्ति सच्चे मन से करता है, गिरिराज गोवर्धन महाराज उनकी सहायता करते हैं। श्री गिरिराज सभी विघ्न-बाधाओं के नाशक हैं। उनका आशीष सुखदायी है। श्री गिरिराज चालीसा का नित्यप्रति पाठ करके उनकी कृपा प्राप्त किया जा सकता है।
4. श्री गिरिराज चालीसा – विडियो
आइए दोस्तों अब श्री गिरिराज चालीसा का आनंद विडियो के माध्यम से लेते हैं। श्री गिरिराज चालीसा का विडियो देखने व सुनने के लिए नीचे क्लिक करें –
श्री गिरिराज चालीसा विडियो – Click Here
5. श्री गिरिराज जी की आरती
ऊँ जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय-जय गिरिराज ।
संकट में तुम राखौ, निज भक्तन की लाज ।।
इंद्रादिक सब सुर मिल तुम्हरौं ध्यानु धरैं ।
रिषि मुनिजन यश गावें, ते भवसिंधु तरैं ।।
सुंदर रूप तुम्हारौ श्याम सिला सोहें ।
वन उपवन लखि-लखि के भक्तन मन मोहें ।।
मध्य मानसी गगा कलि के मल हरनी ।
तापै दीप जलावें उतरें वैतरनी ।।
नवल अप्सरा कुण्ड सुहावन-पावन सुखकारी ।
बाएं राधा-कुंड नहावें महा पापहारी ।।
तुम्हीं मुक्ति के दाता कलियुग के स्वामी ।
दीनन के हो रक्षक प्रभु अंतरयामी ।।
हम हैं शरण तुम्हारी, गिरिवर गिरधारी ।
देवकीनंदन कृपा करो, हे भक्तन हितकारी
जो नर दे परिकम्मा पूजन पाठ करें ।
गावें नित्त आरती पुनि नहीं जनम धरें ।।
दोस्तों अभी आपने श्री गिरिराज चालीसा लिरिक्स हिंदी व अंग्रेजी में जाना। साथ ही श्री गिरिराज चालीसा के फायदे, श्री गिरिराज चालीसा विडियो व श्री गिरिराज जी की आरती देखे। आप अपनी राय हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं। हमारे सभी नई आर्टिकल का लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें ।