Bhairav Chalisa ke Fayde: श्री भैरव चालीसा के 10 चमत्कारिक फायदे
श्री भैरव चालीसा का पाठ नियमित सच्चे मन से करने पर इसके प्रभाव से मनुष्य के जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिलता है।
धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के रक्त से भैरव देव की उत्पत्ति हुई थी। भैरव देव दो प्रकार के होते हैं- बटुक भैरव और काल भैरव। हमारे देश में काल भैरव के सबसे जागृत प्रसिद्ध मंदिर उज्जैन और काशी में हैं। बटुक भैरव का प्रसिद्ध मंदिर लखनऊ में है।
श्री भैरव चालीसा के फायदे व लाभ
आइए दोस्तों अब श्री भैरव चालीसा का पाठ सच्चे मन से करने से क्या फायदे होता है , उस पर नज़र डालते हैं :-
1. श्री भैरव देव जी का स्वरूप दिखने में भयानक है, लेकिन सच्चे मन से जो भी इनकी पूजा उपासना करते हैं उनकी सुरक्षा का भार वह स्वयं उठाते हैं। वह अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं
2. श्री भैरव चालीसा के पाठ से जीवन में आये हुए सभी संकट विपत्तियां दूर होती हैं। श्री भैरव जी की पूजा आराधना व चालीसा पाठ करने से सारी संकट विपत्तियां दूर होती है।
3. जीवन में मंगल एवं शुभ कार्यों की वृद्धि होती है, जिससे घर परिवार में खुशियां आती है।
4. श्री भैरव चालीसा के पाठ से भय से मुक्ति मिलती है। आत्मविश्वास बढ़ता है। अपने जीवन में साहस एवं निडरता की अनुभूति होती है।
5. श्री भैरव देव जी सुखों के दाता हैं। श्री भैरव चालीसा के पाठ एवं पुजा से सारी कठनाइयां परेशानियां दूर होती हैं। जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है।
6. श्री भैरव देव जी की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
7. श्री भैरव चालीसा का पाठ सच्चे मन से करने पर साधक को अष्ट सिद्धि नौ निधि की प्राप्ति होती है।
8. श्री भैरव चालीसा के पाठ से शारीरिक कष्ट व्याधि दूर होती है। शरीर निरोगी निर्मल बनता है।
9. श्री भैरव देव जी को भूतों का राजा कहा गया है। श्री भैरव चालीसा के पाठ से भूत प्रेत व्याधि, अनजाना भय घबराहट से मुक्ति मिलती है।
10. श्री भैरव चालीसा के पाठ से सभी प्रकार के शारीरिक कष्ट एवं मानसिक कष्ट तनाव दूर होते हैं।
श्री भैरव चालीसा के पाठ से होने वाले फायदे व लाभ के बारे में जानकारी हमें श्री भैरव चालीसा के इन पंक्तियों में देखने को मिलता है :-
श्री भैरव संकट हरण, मंगल करण कृपाल ।
श्याम वरण विकराल वपु, लोचन लाल विशाल ।।
जयति “बटुक भैरव” भय हारी । जयति “काल भैरव” बलकारी ।।
जयति “नाथ भैरव” विख्याता । जयति “सर्व भैरव” सुखदाता ।।
भैरव रूप कियो शिव धारण । भव के भार उतारण कारण ।।
भैरव रव सुनि ह्वै भय दूरी । सब विधि होय कामना पूरी ।।
कटि करधनी घुंघरु बाजत । दर्शन करत सकल भय भाजत ।।
जीवन दान दास को दीन्हो । कीन्हो कृपा नाथ तब चीन्हो ।।
जो भैरव निर्भय गुण गावत । अष्टसिद्धि नवनिधि फल पावत ।।
जो यह चालीसा पढ़े, प्रेम सहित शत बार ।
उस घर सर्वानन्द हों, वैभव बढ़े अपार ।।
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भैरव जी की आरती
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा ।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ।।जय…..
तुम्हीं पाप उद्धारक दु:ख सिन्धु तारक ।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक ।।जय…..
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ।।जय…..
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे ।
चौमुख दीपक दर्शन दु:ख खोवे ।।जय……
तेल चटकि दशि मिश्रित भाषावलि तेरी ।
कृपा करिए भैरव, करिए नहीं देरी ।।जय…..
पांव घुंघरु बाजत अरु डमरू डमकावत ।
बटुकनाथ बन बालकजन मन हरषावत ।।जय…..
बटुकनाथ की आरति जो कोई नर गावे ।
कहे धरणीधर नर मनवांछित फल पावे ।।जय
दोस्तों आज के लेख में हमने श्री भैरव चालीसा के पाठ के फायदे व लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त किया। साथ ही श्री भैरव देव जी की आरती भी देखा। पाठकगण अपनी राय या सुझाव हमें कामेंट बाक्स में बता सकते हैं।