Sahnaz Akhtar Jas Geet: शहनाज़ अख्तर के 10 लोकप्रिय जस गीत
शहनाज अख्तर जी बड़े ही मशहूर गायिका है। उनके द्वारा गाई हुई सभी माता जस गीत, माता रानी के भजन काफी लोकप्रिय हुए हैं। आज के लेख में हम शहनाज अख्तर के लोकप्रिय जस गीतों का लिरिक्स आप लोगों के लिए लाए हैं। आइए आगे बढ़ते हैं और शहनाज अख्तर के जस गीतों का लिरिक्स जानते हैं।
1. शहनाज़ अख्तर जस गीत – पंडा कराये रहो पूजा
( पंडा कराये रहो पूजा विडियो )
पंडा कराये रहो पूजा
मैया जी की झूम झूम के
नवराते की शुभ घडी आई,
भक्तो ने माता की मूरत बैठाई,
झूम झूम के झूम झूम के,
पंडा कराय रहो पूजा,
मैया जी की झूम झूम के।।
टिका लगाए माँ को चुनरी ओढ़ाए,
चूड़ी चढ़ाये फूल माला चढ़ाये,
झूम झूम के झूम झूम के,
पंडा कराय रहो पूजा,
मैया जी की झूम झूम के।।
नौ नौ खप्पर बो दये ज्वारे,
अलियन गलियन गूंजे जयकारे,
झूम झूम के झूम झूम के,
पंडा कराय रहो पूजा,
मैया जी की झूम झूम के।।
आई माँ पहुनि भक्तो के द्वारे,
संकट काटे माँ भरे भंडारे,
झूम झूम के झूम झूम के,
पंडा कराय रहो पूजा,
मैया जी की झूम झूम के।।
2. शहनाज़ अख्तर जस गीत – तेरी जय जय जय माँ शारदे
तेरी जय जय जय माँ शारदे
भक्तो को अपने तार दे
तेरी जय जय जय माँ शारदे…
तू आदि शक्ति माँ जगदम्बा
आये तेरे द्वारे
झूम झूम के बोल रहे है
माँ तेरे जयकारे
माँ हमको अपना प्यार दे
माँ हमको अपना प्यार दे
तेरी जय जय जय माँ शारदे….
ऊँचे पर्वत भुवन है तेरा
सब की तू रखवाली
सब की करती तू रखवाली
मैया मैहर वाली
माँ हम पे ममता वार दे
माँ हम पे ममता वार दे
तेरी जय जय जय माँ शारदे…
मैया मैहर वाली सुनले
अर्ज हमारी माता
जो भी तेरे द्वारे आये
सोये भाग्य जगाता
माँ हम को भी अब दुलार दे
माँ हम को भी अब दुलार दे
तेरी जय जय जय माँ शारदे…
3. शहनाज़ अख्तर जस गीत – अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां – 4
मैया अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां – 4
मैया हाथ मैं कलशा ले खड़ी हो मां -2
मैया हाथ….
अरे कुम्हरन बन के आ गई वो राजा की मलनियां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां….
मैया हाथ में डबला तेल को हो मां – 2
मैया हाथ में……
अरे तेलन बन के आ गई हो वो राजा की मलनियां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां……
मैया हाथ में त्रिशूल ले खड़ी हो मां – 2
मैया हाथ में त्रिशूल…..
अरे लोहरन बन के आ गई वो, राजा की मलनियां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां…..2
मैया हाथ में साठे ले खड़ी हो मां – 2
मैया हाथ में साठे…
अरे अहरन बन के आ गई वो, राजा की मलनियां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां…..2
मैया हाथ में नीबुआ ले खड़ी हो मां – 2
मैया हाथ में निबुआ…
अरे काछन बन के आ गई वो, राजा की मलनियां
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां…..2
अम्बा माई उतरी है बाग में हो मां…..4
4. शहनाज़ अख्तर जस गीत – मैया तोरे आँगन में बाजे शेहनाई
सजी तेरी गलियां सजी है आग्नेयी
मैया तोरे आँगन में बाजे शेहनाई
सजी तेरी गलियां सजी है आग्नेयी
मैया तोरे आँगन में बाजे शेहनाई
ढोल नगाड़े मृदंग बाजे
तेरे भगत माँ झूम के नाचे
बजट नगड़िया और बाजत बधाई
मैया तोरे आँगन में बाजे सहनाई
आरती गए संख बजाये
कोई चमन के फूल चढ़ाये
कोई खिलाये सबको मिठाई
मैया तोरे आँगन में बाजे सहनाई
भीड़ लगी है आज तो भारी
थिरक रहे है नर और नारी
मन में सभी के खुसिया है छायी
मैया तोरे आँगन में बाजे शेहनाई
सजी तेरी गलियां सजी है आग्नेयी
मैया तोरे आँगन में बाजे शेहनाई
5. शहनाज़ अख्तर जस गीत – छुम छुम छनन बाजे मैया पाओ पैजनिया
( छुम छुम छनन बाजे विडियो )
छुम छुम छनन बाजे मैया पाओ पैजनिया,
पाव पैजनिया मैया पाव पैजनिया मैया,
कौन गढ़ावे मैया पाव पैजनिया ॥
कौन ओढादे ओढनिया मैया पाओ पैजनिया ॥
झूम झूम छनन बाजे …
सुनरा गढ़ावे मैया पाव पैजनिया,
दरजी ओढादे ओढनिया मैया पाव पैजनिया,
झूम झूम छनन बाजे …
कह चढादो मैया पाव पैजनिया,
कह ओढादे ओढनिया मैया पाव पैजनिया,
झूम झूम छनन बाजे …
दुर्गे चढादो मैया पाव पैजनिया,
लंगूर चढादो ओढनिया मैया पाव पैजनिया,
झूम झूम छनन बाजे …
6. शहनाज़ अख्तर जस गीत – माँ के जैसा दिलदार नहीं देखा
तूने एशा दरबार नहीं देखा
माँ के जैसा दिलदार नहीं देखा
तू जाके एक बार जाके देखले
मेरी मैया सा नहीं है दूजा
है सच्चा दरबार देखले
ओये देखले
शेरोवाली सा नहीं कोई दूजा
है सच्चा दरबार देखले
तूने एशा दरबार नहीं देखा
माँ के जैसा दिलदार नहीं देखा
तू जाके एक बार जाके देखले
मेरी मैया सा नहीं है दूजा
है सच्चा दरबार देखले
ओये देखले
शेरोवाली सा नहीं कोई दूजा
है सच्चा दरबार देखले
बड़ी है दयालु है
कोई इसका ना सानी है
दनियो में दानी
मेरी मैया महारानी है
मैं जपु जिसके नाम की माला
माँ का दरबार है सबसे आला
तू जाके एक बार देखले
मेरी मैया सा नहीं है दूजा
है सच्चा दरबार देखले
ओये देखले
शेरोवाली सा नहीं कोई दूजा
है सच्चा दरबार देखले
बिना बोले भक्तो की सुनती पुकार है
बिना मांगे सबके ये भरे भंडार है
जाके जिसने आवाज़ लगायी
पल भर में ही करले सुनाई
तू जाके एक बार देखले
मेरी मैया सा नहीं है दूजा
है सच्चा दरबार देखले
ओये देखले
शेरोवाली सा नहीं कोई दूजा
है सच्चा दरबार देखले
माँ के दरबार में तू हजारी लागले
मन की मुरदे मेरी मैयाजी से पाले
तेरे दुखड़े ये सारे हर लेगी
अपने रंग में तुझे रंग लेगी
तू जाके एक बार देखले
मेरी मैया सा नहीं है दूजा
है सच्चा दरबार देखले
ओये देखले
शेरोवाली सा नहीं कोई दूजा
है सच्चा दरबार देखले
7. शहनाज़ अख्तर जस गीत – शंकर चौरा रे
शंकर चौरा रे
महामाई कर रही सोल्हा रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे,
माथे उनके बिंदिया सोहे
टिलकी की बलिहारी राम,
सिंदूर लगा रही रे
मांग में सिंधुर लगा रही रे,
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे
कान में उनके कुण्डल सोहे
नथुनी की बलिहारी राम,
हरवा पहन रही रे
गले में हरवा पहन रही रे,
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे
हाथो उनके कंगना सोहे
चूड़ी की बलहारी राम,
मुंदरी पहन रही रे
हाथ में मुंदरी पहन रही रे,
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे
कमर उनके गरदन सोहे
झूलो की बलिहारी राम,
कुछ न पहन रही रे
कमर में कुछ न पहन रही रे,
शृंगार माई कर रही सोल्हा रे
पाओ में उनके पायल सोहे
विछियां की बलिहारी राम,
महावर लगा रही रे
पाओ में महावर लगा रही रे
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे
अंग में उनके चोला सोहे
गगरा के बलिहारी राम,
चुनरी ओड रही रे
चुनरी ओड रही रे,
श्रृंगार माई कर रही सोल्हा रे
8. शहनाज़ अख्तर जस गीत – लगन लागि तोषे मोरे मैया
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि माँ
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि माँ
आओ आओ आंबे माँ
आओ आओ जगदम्बे माँ
दर्शन दे दो
तुम्हारे द्वार कड़ी रे
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि मां
ना मांगती हु तुमसे तो भंडार भवानी
ना चाहती हु कोई धन आपार भवानी
जीवन के सभी कास्ट भूल जाउंगी आंबे
थोड़ा सो मिल जाये तेरा प्यार भवानी
आओ आओ आंबे माँ
आओ आओ जगदम्बे माँ
दर्शन दे दो
तुम्हारे द्वार कड़ी रे
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि माँ
जो द्वार तेरे आया वो खुश हाल हो गया
भक्ति जिसे मिल माला माल हो गया
जनमो जनम के पाप से मिलती उसे मुक्ति
दर्शन जिसे मिला है वो निहाल हो गया
आओ आओ आंबे माँ
आओ जगदम्बे माँ
दर्शन दे दो
तुम्हारे द्वार खड़ी रे
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि माँ
सारे जगत में माता तेरी शान बड़ी है
नाम बड़ा तेरा तेरी आन बड़ी है
जिसके लिए तो देवता तरसे है निरंजन
हे माँ ममता की पहचान बड़ी है
आओ आओ आंबे माँ
आओ जगदम्बे माँ
दर्शन दे दो
तुम्हारे द्वार कड़ी रे
लगन लागि तोषे मोरे मैया
मिलान की लगन तोसे लागि माँ
9. शहनाज़ अख्तर जस गीत – हम आये तेरे दर्शन को
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
मैयाजु के आँगन बिरछा
नदी सतुलज को जावे रे है माया
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
मैयाजु को अच्छा बनो पलना
जो कहा सो वो होये रे है माया
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
अर्ध छाडे हो तेरी माड़िया
तोरी नैन रे है माया
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
जुजियरा हो मयि उजियारा
हम आये तेरे दर्शन को
माँ उजियारा मयि उजियारा
10. शहनाज़ अख्तर जस गीत – आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ,
मैया आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ।।
जाओ जाओ मेरे बिरहा हो लँगूरवा,
आल्हा को पकड़ ले आओ हो माँ,
मैया आल्हा को पकड़ ले आओ हो माँ,
एक बनना खें दूजे बनना खें,
तीजे बन महोवा लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आईं,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
गाँव की पनिहारि से पूछे हो लँगूरवा,
आल्हा का पता बतलाओ हो माँ,
मैया आल्हा का पता बतलाओ हो माँ,
अरे बीच में होवे आल्हा को मकनवा,
वहीं पर टेर लगाए हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
आल्हा आल्हा खूब पुकारा,
आल्हा नदियों के घाट हो माँ,
मैया आल्हा नदियों के घाट हो माँ,
बांध लँगोटी आल्हा नहा रहे,
सरसों का तेल लगाए हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
पड़ी नजरिया जब आल्हा की,
मन में गयो घबराए हो माँ,
मैया मन में गयो घबराए हो माँ,
अरे कौन दिशा से आये हो लँगूरवा,
कौन संदेसा लाये हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
मैहर से हम आये हैं आल्हा
शारदा तुमको बुलाये हो माँ,
मैया शारदा तुमको बुलाये हो माँ,
अरे कैसे कैसे चले हैं लँगूरवा,
नहीं कछु हमारे पास हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
पान सुपारी ध्वजा नारियल,
लेहो बालक भेंट हो माँ,
मैया लेहो बालक भेंट हो माँ,
एक बनना खें दूजे बनना खें,
तीजे बन मैहर लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
खोल किवड़िया दर्शन दे दो,
आल्हा खड़ो तेरो द्वार हो माँ,
मैया आल्हा खड़ो तेरो द्वार हो माँ,
मैया ने आल्हा को दर्शन दे दई,
आल्हा लौट आओ अपने लोक हो माँ,
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नही आईं हो माँ।।
तीन ध्वजा तीनो लोक से आई,
आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ,
मैया आल्हा की ध्वजा नहीं आई हो माँ।।
दोस्तों आज के लेख में हमने शहनाज़ अख्तर के भजनों का लिरिक्स जाना। आज के लेख से संबंधित आप अपनी राय या सुझाव आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं।