Krishna Bhajan Lyrics: श्री कृष्ण जी के 25 पापुलर सदाबहार भजन

मदन मोहन श्री कृष्ण कन्हैया सबके प्यारे दुलारे हैं। उनका भजन अति मनभावन और मन को मोहने वाली होती है। आज के लेख में हम श्री कृष्ण जी के सबसे लोकप्रिय भजनों का आनंद लिरिक्स एवं विडियो के माध्यम से लेंगे।


1. श्री कृष्ण भजन – यशोदा का नंदलाला

ज़ु ज़ु ज़ू ज़ु ज़ू ज़ु ज़ु ज़ु ज़ु ज़ू

यशोदा का नंदलाला बृज का उजाला है

मेरे लाल से तो सारा जग झिलमिलाए

ज़ु ज़ु ज़ू ज़ु ज़ू ज़ु ज़ु ज़ु ज़ु ज़ू

रात ठंडी ठंडी हवा, गा के सुलाए

भोर गुलाबी पलकें, खोल के जगाए

दो अँखियों में तुझे बसाके

जाने कब से जागूँ

तू माँगे तो चाँद भी दे दूँ

तुझ से कुछ ना माँगूँ

खोल तू आँखें देख यहाँ हूँ

और नहीं कोई मैं तेरी माँ हूँ, ज़ु ज़ु ज़ू …

तेरे लिये कैसे कैसे सपने सजाए, मेरे लाल से …

जाने कब ये आती जाती

सांस कहाँ थम जाए

देख मुरझाता फूल टूट के

डाली से कब गिर जाए



तू जो मुझे माँ माँ … माँ, रहके बुलाए

रूह को मेरी चैन आ जाए, ज़ु ज़ु ज़ू …

सो जाए ऐसे फिर ना जागूँ जगाए, मेरे लाल से …


2. श्री कृष्ण भजन – कान्हा की दीवानी बन जाउंगी

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,

दीवानी बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी।।

कान्हा मेरो गाय चरावे,

मैं ग्वालन बन जाऊं,

पीछे पीछे चुपके चुपके,

गाय चराने जाऊं,

दीवानी बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी।।

कान्हा मेरो जमुना नहावे,

मैं मछली बन जाऊं,

चरणों से मैं ऐसे लिपटु,

भक्तानि बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी।।

कान्हा मेरो माखन खावे,

मैं मिश्री बन जाऊं,

रुच रुच कर वो भोग लगावे,

मैं उसमे रम जाऊं,

अंजानी बन जाउंगी,

अंजानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी।।

कान्हा मेरो रास रचावे,

मैं रासीन बन जाऊं,

ऐसी रासीन बनु की इन मिल,

गोपिन में छुप जाऊं,

पुरानी बन जाउंगी,

पुरानी बन जाउंगी,

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी।।

कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,

कान्हा की दिवानी बन जाउंगी,

दीवानी बन जाउंगी,

मस्तानी बन जाउंगी,


3. श्री कृष्ण भजन – मनिहारी का भेस बनाया

मनिहारी का भेस बनाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

छलिया का भेस बनाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

झोली कंधे धरी इसमें चूड़ी भरी

गलियों में शोर मचाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

राधा ने सुनी ललिता से कही

मोहन को तुरत बुलाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

चूड़ी लाल नहीं पहनु

चूड़ी हरी नहीं पहनु

मुझे श्याम रंग है भाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

राधा पहनन लगी

श्याम पहनने लगे

राधा ने हाथ बढाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

राधा कहने लगी

तुम हो छलिया बड़े

धीरे से हाथ दबाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

मनिहारी का भेस बनाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

छलिया का भेस बनाया

श्याम चूड़ी बेचने आया

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4. श्री कृष्ण भजन – छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

छोटो सो मेरो मदन गोपाल

आगे आगे गैया पीछे पीछे ग्वाल

बिच में मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

कारी कारी गैया गोरे गोरे ग्वाल

श्याम बरन मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

घास खाए गैया दूध पिवे ग्वाल

माखन खावे मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

छोटी छोटी लकुटी छोटे छोटे हाथ

बंसी बजावे मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

छोटी छोटी सखिया मधुबन बाग

रास रचावे मेरो मदन गोपाल

छोटी छोटी गैया छोटे छोटे ग्वाल

5. श्री कृष्ण भजन – मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है

मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है

करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है

पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है

बिन मांगे हे कन्हैया हर चीज मिल रही है

अब क्या बताऊ मोहन आराम हो रहा है

मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है

मेरी जिंदगी में तुम हो किस बात की कमी है

मुझे और अब किसी की परवाह भी नही है

तेरी बदौलतो से सब काम हो रहा है

मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है

दुनिया में होंगे लाखो तेरे जैसा कौन होंगा

तुज जैसा बंदा परवर भला ऐसा कौन होगा

अरे थामा है तेरा दामन आराम हो रहा है

मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है

6. श्री कृष्ण भजन – ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन

है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,

है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे।

बेकार वो मुख है जो रहे व्यर्थ बातों में,

मुख है वोजो हरीनाम का सुमिरन किया करे॥

हीरेमोती से नहीं शोभा है हाथकी।

है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे॥

मर के भी अमरनाम है उस जीवका जग में।

प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे॥

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन,

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी॥

महलों में पली बन के जोगन चली।

मीरा रानी दीवानी कहाने लगी॥

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन।

वो तो गली गली गली हरी गुण गाने लगी॥

कोई रोके नहीं कोई टोके नही

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी।

बैठी संतो के संग रंगी मोहन के रंग

मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी॥

ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन।

राणा ने विष दिया मानो अमृत पिया,

मीरा सागर में सरिता समाने लगी।

दुःख लाखों सहे मुख से गोविन्द कहे,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी॥

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ।।

 

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7. श्री कृष्ण भजन – श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

श्याम तेरी बंसी ss

पुकारे राधा नाम sss

श्याम तेरी बंसी, पुकारे राधा नाम

लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ।।

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम ।।

लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम

लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ।।

सांवरे की बंसी को बजने से काम

सांवरे की बंसी को बजने से काम ।।

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ।।

ओ sss जमुना की लहरे बंसीबट की छैय्या,

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैय्या ।

जमुना की लहरे बंसीबट की छैय्या,

किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैय्या ।।

श्याम का दिवाना तो सारा बृजधाम

श्याम का दिवाना तो सारा बृजधाम ।।

लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम ।।

सांवरे की बंसी को बजने से काम,

सांवरे की बंसी को बजने से काम ।

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम,

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ।।

ओ ss कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये

जिसके मन भाए ये उसी के गुण गाये ।।

कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये,

जिसके मन भाए वो उसी के गुण गाये ।

कौन नहीं कौन नहीं बंसी की धुन का गुलाम,

राधा का भी श्याम हो तो मीरा का भी श्याम ।।

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम,

श्याम तेरी बंसी कन्हैया तेरी बंसी पुकारे राधा नाम ।

लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम,

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ।।

राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम

8. श्री कृष्ण भजन – राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी

( राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी – विडियो )

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

पाछे पाछे डोले होके बाँवरो मुरारी,

पाछे पाछे डोले होके बाँवरो मुरारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधा नाम जिव्हा पे मन में मुरारी ,

राधा नाम जिव्हा पे मन में मुरारी ,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधा पे तन मन वारे गिरिधारी,

राधा पे तन मन वारे गिरिधारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधा कारण मोर बन नाचतें मुरारी,

राधा कारण मोर बन नाचतें मुरारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

चरण दबाए सेवा कुञ्ज में गोपाला,

चरण दबाए सेवा कुञ्ज में गोपाला,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

पाछे पाछे डोले बरसाने में बिहारी,

पाछे पाछे डोले बरसाने में बिहारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

एक बार राधा कहो ऋणी हो मुरारी,

एक बार राधा कहो ऋणी हो मुरारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधा जी कहे भव तार दे बिहारी,

राधा जी कहे भव तार दे बिहारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

राधा के इशारे नाचे रास बिहारी,

राधा के इशारे नाचे रास बिहारी,

राधे राधे,

राधे राधे जपो चले आयंगे बिहारी,

आयेंगे बिहारी, चले आयेंगे बिहारी,

9. श्री कृष्ण भजन – तोरा मन दर्पन कहलाये

तोरा मन दर्पन कहलाये

प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधी पाऊँ

तोहे प्रभु कहे तु मन को पा ले, पा जयेगा मोहे

तोरा मन दर्पण कहलाये – २

भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये

तोरा मन दर्पण कहलाये – २

मन ही देवता, मन ही ईश्वर,

मन से बड़ा न कोय मन उजियारा

जब जब फैले, जग उजियारा होय

इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये

तोरा मन दर्पण कहलाये – २

सुख की कलियाँ, दुख के कांटे,

मन सबका आधार मन से कोई बात छुपे ना,

मन के नैन हज़ार जग से चाहे भाग लो कोई,

मन से भाग न पाये

तोरा मन दर्पण कहलाये – २

तन की दौलत ढलती छाया

मन का धन अनमोल तन के कारण

मन के धन को मत माटि मेइन रौंद

मन की क़दर भुलाने वाला हीराँ जनम गवाये

तोरा मन दर्पण कहलाये

10. श्री कृष्ण भजन – किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए

किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।

जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥

जब गिरते हुए मैंने तेरे नाम लिया है।

तो गिरने ना दिया तूने, मुझे थाम लिया है॥

तुम अपने भक्तो पे कृपा करती हो, श्री राधे।

उनको अपने चरणों में जगह देती हो श्री राधे।

तुम्हारे चरणों में मेरा मुकाम हो जाए॥

मांगने वाले खाली ना लौटे, कितनी मिली खैरात ना पूछो।

उनकी कृपा तो उनकी कृपा है, उनकी कृपा की बात ना पूछो॥

ब्रज की रज में लोट कर, यमुना जल कर पान।

श्री राधा राधा रटते, या तन सों निकले प्राण॥

गर तुम ना करोगी तो कृपा कौन करेगा।

गर तुम ना सुनोगी तो मेरी कौन सुनेगा॥

डोलत फिरत मुख बोलत मैं राधे राधे, और जग जालन के ख्यालन से हट रे।

जागत, सोवत, पग जोवत में राधे राधे, रट राधे राधे त्याग उरते कपट रे॥

लाल बलबीर धर धीर रट राधे राधे, हरे कोटि बाधे रट राधे झटपट रे।

ऐ रे मन मेरे तू छोड़ के झमेले सब, रट राधे रट राधे राधे रट रे॥

श्री राधे इतनी कृपा तुम्हारी हम पे हो जाए।

किसी का नाम लूँ जुबा पे तुम्हारा नाम आये॥

वो दिन भी आये तेरे वृन्दावन आयें हम, तुम्हारे चरणों में अपने सर को झुकाएं हम।

ब्रज गलिओं में झूमे नाचे गायें हम, मेरी सारी उम्र वृन्दावन में तमाम हो जाए॥

वृन्दावन के वृक्ष को, मर्म ना जाने कोई।

डार डार और पात पात में, श्री श्री राधे राधे होए॥

अरमान मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देती, सरकार वृन्दावन में बुला क्यूँ नहीं लेती।

दीदार भी होता रहे हर वक्त बार बार, चरणों में अपने हमको बिठा क्यूँ नहीं लेती॥

श्री वृन्दावन वास मिले, अब यही हमारी आशा है।

यमुना तट छाव कुंजन की जहाँ रसिकों का वासा है॥

सेवा कुञ्ज मनोहर निधि वन, जहाँ इक रस बारो मासा है।

ललिता किशोर अब यह दिल बस, उस युगल रूप का प्यासा है॥

मैं तो आई वृन्दावन धाम किशोरी तेरे चरनन में।

किशोरी तेरे चरनन में, श्री राधे तेरे चरनन में॥

ब्रिज वृन्दावन की महारानी, मुक्ति भी यहाँ भारती पानी।

तेरे चन पड़े चारो धाम, किशोरी तेरे चरनन में॥

करो कृपा की कोर श्री राधे, दीन जजन की ओर श्री राधे।

मेरी विनती है आठो याम, किशोरी तेरे चरनन में॥

बांके ठाकुर की ठकुरानी, वृन्दावन जिन की रजधानी।

तेरे चरण दबवात श्याम, किशोरी तेरे चरनन में॥

मुझे बनो लो अपनी दासी, चाहत नित ही महल खवासी।

मुझे और ना जग से काम, किशोरी तेरे चरण में ॥

किशोरी इस से बड कर आरजू -ए-दिल नहीं कोई।

तुम्हारा नाम है बस दूसरा साहिल नहीं कोई।

तुम्हारी याद में मेरी सुबहो श्याम हो जाए॥

यह तो बता दो बरसाने वाली मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा।

तेरी दया पर यह जीवन है मेरा, मैं कैसे तुम्हारी शरण छोड़ दूंगा॥

ना पूछो किये मैंने अपराध क्या क्या, कही यह जमीन आसमा हिल ना जाये।

जब तक श्री राधा रानी शमा ना करोगी, मैं कैसे तुम्हारे चरण छोड़ दूंगा॥

बहुत ठोकरे खा चूका ज़िन्दगी में, तमन्ना तुम्हारे दीदार की है।

जब तक श्री राधा रानी दर्शा ना दोगी, मैं कैसे तुम्हारा भजन छोड़ दूंगा॥

तारो ना तारो मर्जी तुम्हारी, लेकिन मेरी आखरी बात सुन लो।

मुझ को श्री राधा रानी जो दर से हटाया, तुम्हारे ही दर पे मैं दम तोड़ दूंगा॥

मरना हो तो मैं मरू, श्री राधे के द्वार,

कभी तो लाडली पूछेगी, यह कौन पदीओ दरबार॥

आते बोलो, राधे राधे, जाते बोलो, राधे राधे।

उठते बोलो, राधे राधे, सोते बोलो, राधे राधे।

हस्ते बोलो, राधे राधे, रोते बोलो, राधे राधे॥

11. श्री कृष्ण भजन – एक राधा एक मीरा

एक राधा एक मीरा,

दोनों ने श्याम को चाहा,

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।

एक राधा एक मीरा,

दोनों ने श्याम को चाहा,

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।

राधा ने मधुबन में ढूँढा,

मीरा ने मन में पाया,

राधा जिसे खो बैठी वो गोविन्द,

मीरा हाथ बिक आया,

एक मुरली एक पायल,

एक पगली एक घायल,

अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो,

अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो,

एक सूरत लुभानी एक मूरत लुभानी,

एक सूरत लुभानी एक मूरत लुभानी,

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,

राधा के मनमोहन,

सा गा मा पा धा

पा धा मा पा रे मा गा

धा रे सा नि धा रे रे गा मा

गा पा मा पा धा पा सा नी सा रे

आ…

मीरा के प्रभु गिरिधर नागर,

राधा के मनमोहन,

राधा नित श्रृंगार करे और,

मीरा बन गयी जोगन,

एक रानी एक दासी,

दोनों हरी प्रेम की प्यासी,

अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो,

अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो,

एक जीत न मानी एक हार न मानी,

एक जीत न मानी एक हार न मानी,

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।

एक राधा एक मीरा,

दोनों ने श्याम को चाहा,

अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो,

एक प्रेम दीवानी एक दरस दीवानी ।

12. श्री कृष्ण भजन – अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो

देखो देखो ये गरीबी,ये गरीबी का हाल

कृष्ण के दर पे विश्वास लेके आया हूँ

मेरे बचपन का यार है.. मेरा श्याम,

यही सोच कर मै आस कर के आया हूँ.

अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो

के दरपे सुदामा गरीब आ गया है

भटकते भटकते ना जाने कहा से

तुम्हारे महल के करीब आगया है

ना सरपे है पगडी ना तन पे है जामा,

बतादो कन्हैया को नाम है सुदामा हा…

बतादो कन्हैया को नाम है सुदामा.

बस एक बार मोहन से जा कर के कह दो

के मिलने सखा बद‍नसीब आ गया है

अरे द्वारपालो कन्हैया से कहदो

के दरपे सुदामा गरीब आगया है

सुनते ही दौड़े चले आये मोहन,

लगाया गले से सुदामा को मोहन हा…

लगाया गले से सुदामा को मोहन

हुआ रुख्मिणी को बहुत ही अचंभा

ये मेहमान कैसा अजीब आगया है

बराबर में अपने सुदामा बिठाये

चरण आँसुओं से श्याम ने धुलाये

चरण आँसुओं से श्याम ने धुलाये

ना घबरायो प्यारे जरा तुम सुदामा

खुशी का समां तेरे करीब आ गया है

अरे द्वारपालो कन्हैया से कह दो

के दरपे सुदामा गरीब आगया है

13. श्री कृष्ण भजन – मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर

मेरे जीवन की जुड़ गयी डोर, किशोरी तेरे चरणन में ।

किशोरी तेरे चरणन में, महारानी तेरे चरणन में ।।

तेरी ऊँची अटारी प्यारी, मैं वारी तेरी गलियन पे ।

मेरी जीवन की हो जाये भोर, किशोरी तेरे चरणन में ।।

तू एक इशारा कर दे, मई दौड़ी आऊं बरसाने ।

मैं तो नाचूं बन कर मोर, किशोरी तेरे चरणन में ।।

मेरा पल में भाग्य में बदलदे इशारा तेरी करुणा का ।

मेरे जन्मों की कट जाए डोर, किशोरी तेरे चरणन में ।।

थक सा गया हूँ जगत झंझट में स्वामिनी बाल में तुम्हारा,

भाव सागर में डूब रहा है सूजत नाही किनारा ।

ऐसे दीन अनाथ को तुम को कौन सहारा,

आओ और पकड़ लो उंगली अपना जान दुलारा ।।

मेरी आहों से झोली भर दे तू बस जा तन मन में ।

मुझे ढूंढें नन्द किशोर, किशोरी तेरे चरणन में ।।

14. श्री कृष्ण भजन – सपने में रात में आया मुरली वाला री

सपने में रात में आया, मुरली वाला री ।

मेरे दिल में बस गयो, श्याम जपू मैं माला री ।।

वो बोला सुन मेरी राधा, मैं तेरे बिना हूँ आधा ।

मेरी बंसी तुझे पुकारे, आ दौड़ी यमुना किनारे ।।

मुझे ग्वाल बाल में प्यारा, कृष्ण वो काला री ।

मेरे दिल में बस गयो, श्याम जपू मैं माला री ।।

वो झूले कदम की डारी, मैं संग में झूलन वारी ।

रंग रसिया श्याम मुरारी,

करे मीठी बतिया प्यारी ।।

जादू सा मो पे करता, वो नंद लाला री ।

मेरे दिल में बस गयो,

श्याम जपू मैं माला री ।।

मेरा हाथ पकड़ के डोले, नैनन की भाषा बोले ।

मैं हो गयी श्याम दीवानी,

मोहे दे गयो खास निशानी ।।

मेरा खो गयो खेलन में, कान का बाला री ।

मेरे दिल में बस गयो,

श्याम जपू मैं माला री ।।

वो नटखट नन्द किशोरा, छलिया गोकुल का छोरा ।

सपने में आन सतावे,

फिर चैन मुझे न आवे ।।

मेरे मन का कमल खिलावे, श्याम गोपाला री ।

मेरे दिल में बस गयो,

श्याम जपू मैं माला री ।।

सपने में रात में आया, मुरली वाला री ।

मेरे दिल में बस गयो, श्याम जपू मैं माला री ।।

15. श्री कृष्ण भजन – सांवली सूरत पे मोहन दिल दीवाना हो गया

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे नैन तिरछे,

दुसरा काजल लगा ।

तिसरा नजरें मिलाना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे होँठ पतले,

दुसरा लाली लगी ।

तिसरा तेरा मुस्कुरना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे हाथ कोमल,

दुसरा मेहंदी लगी ।

तिसरा बंसी बजाना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे पाव नाजुक,

दुसरा पायल बंधी ।

तिसरा घुँघरू बजाना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे भोग छप्पन,

दुसरा माखन धरा ।

तिसरा खीचडी का खाना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

एक तो तेरे साथ राधा,

दुसरा रुक्मणी खड़ी ।

तिसरा मीरा का आना,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

सांवली सूरत पे मोहन,

दिल दीवाना हो गया ।

दिल दीवाना हो गया मेरा,

दिल दीवाना हो गया ।।

16. श्री कृष्ण भजन – बांके बिहारी लाल तेरी जय होवे

बांके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे,

भक्तन के रखपाल,

तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

चारों वेद तेरा जस गावे,

नेती नेती सदा पुकारे,

फिर भी ना पावे पार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

दुःख संकट के तुम रखवारे,

भक्तन की आँखों के तारे,

दूर करो अंधकार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

हम दुखियारे द्वार तिहारे,

रेन दिना यह विनय पुकारे,

करे भव सागर से पार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

हम पागल है दुनिया वाले,

स्वार्थ के है सब मतवाले,

अब तो आकर थाम,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

बांके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे,

भक्तन के रखपाल,

तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

17. श्री कृष्ण भजन – मेरी लगी श्याम संग प्रीत

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

छवि लगी मन श्याम की जब से

भई बावरी मैं तो तब से

बाँधी प्रेम की डोर मोहन से

नाता तोड़ा मैंने जग से

ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने

ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

मोहन की सुन्दर सूरतिया

मन में बस गयी मोहनी मूरतिया

जब से ओढ़ी शाम चुनरिया

लोग कहे मैं भई बावरिया

मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

हर दम अब तो रहूँ मस्तानी

लोक लाज दीनी बिसरानी

रूप राशि अंग अंग समानी

हे रत हे रत रहूँ दीवानी

मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

मोहन ने ऐसी बंसी बजायी

सब ने अपनी सुध बिसरायी

गोप गोपिया भागी आई

लोक लाज कुछ काम न आई

फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

भूल गयी कही आना जाना

जग सारा लागे बेगाना

अब तो केवल शाम सुहाना

रूठ जाये तो उन्हें मनाना

अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

हम प्रेम नगर की बंजारन

जप तप और साधन क्या जाने

हम शाम के नाम की दीवानी

नित नेम के बंधन क्या जाने

हम बृज की भोली गंवारनिया

ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने

ये प्रेम की बाते है उद्धव

कोई क्या समझे कोई क्या जाने

मेरे और मोहन की बातें

या मै जानू या वो जाने

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन

आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं

शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए

आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है

शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति

शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं

उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े

हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है

क्या जाने कोई क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने

18. श्री कृष्ण भजन – राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा, श्याम देखा, घनश्याम देखा,

ओ बंसी बजाते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

राधा तेरा श्याम हमने मथुरा मैं देखा, बंसी बजाते हुए,

ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

राधा तेरा श्याम हमने गोकुल मैं देखा

गैया चराते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

राधा तेरा श्याम हमने वृन्दावन मैं देखा

रास रचाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

राधा तेरा श्याम हमने गतिपुरा मैं देखा,

गोवर्धन उठाते हुए ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

राधा तेरा श्याम हमने सर्वजगत मैं देखा,

राधा राधा जपते हुए, ओ राधा तेरा श्याम देखा॥

श्याम देखा, घनश्याम देखा, ओ बंसी बजाते हुए,

ओराधा तेरा श्याम देखा॥

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा

19. श्री कृष्ण भजन – राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

आएँगे बिहारी चले आएँगे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधा मेरी चंदा,

चकोर है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधा रानी मिश्री,

तो स्वाद है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधा रानी गंगा,

तो धार है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधा रानी तन है तो,

प्राण है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधा रानी सागर,

तरंग है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मोहनी,

तो मोहन बिहारी,

राधा रानी मोहनी,

तो मोहन है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधा मेरी गोरी तो,

साँवरे बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधा रानी भोली भाली ,

चंचल बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधा रानी नथनी,

तो कंगन बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधा रानी मुरली,

तो तान है बिहारी,

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी ॥

20. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया

मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया,

देवी देवता सब नर और नारी,

जाएं बलिहारी बलिहारी ।

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया,

मन में है बसी तेरी बांकी छवि,

मेरे गिरधारी गिरधारी ।

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया,

ऐसी अलबेली ऐसी प्यारी,

छवि अलबेली श्याम की,

श्याम के रंग में रंग दी है काया,

लगन लगी तेरे नाम की,

राह पकड़ ली हमने कन्हैया ,

अब तो तेरे धाम की,

अबे नहीं छूटे तेरे दर की डगरिया,

अबे नहीं छूटे तेरे दर की डगरिया,

मन में है बसी तेरी बांकी छवि,

मेरे गिरधारी गिरधारी ।

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया…..

सूरदास के छोटे ललना,

मीरा के भरतार हो,

राधा के हो प्रेमी प्रीतम,

संतो के तारणहार हो,

अर्जुन के तुम बने सारथी,

अर्जुन की तुम बने सारथी,

भक्तों के दातार हो,

जैसे भाव वैसे देखे रे सांवरिया,

देवी देवता सब नर और नारी,

जाएं बलिहारी बलिहारी,

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया…..

गोपी गवाल संग धेनु चरावे,

माखन चोर गोपाल रे,

कुंज गली में रास रचाये,

नटखट श्री नंदलाल रे,

चीर चुराये रे मटकी गिराये,

बैठे कदम की डाल रे,

लीला तेरी देख के,

मन रे बांवरिया ,

मन में है बसी तेरी बांकी छवि,

मेरे गिरधारी गिरधारी ।

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया….

नाता हमारा जन्मो पुराना,

तू रहना मेरे साथ मे,

चाहे दुनिया हाथ छोड़ दे,

तू न छोड़ना मेरा हाथ रे ,

पार भवर से नाव लगा दे,

जगदीश्वर भगवान रे,

चरणों मे तेरे मेरी,

बीती रे उमरिया,

देवी देवता सब नर और नारी,

जाएं बलिहारी बलिहारी

सांवली सूरत तेरी तिरछी रे नजरिया….

21. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – मैया मोरी मैं नहीं माखन खायों

मैया मोरी, मैया मोरी, मैया मोरी, मैया मोरी, मैया मोरी ….. मै नहीं माखन खायो

मैं नहिं माखन खायो मैया मोरी,

मै नहीं माखन खायो ।

मैया मोरी .. भोर भयो गैयन के पाछे,

तुने मधुवन मोहिं पठायो,

भोर भयो गैयन के पाछे,

तुने मधुवन मोहिं पठायो,

चार प्रहर बंसीबट भटक्यो,

साँझ परे मैं घर आयो,

रि मैया मोरी मैं कब माखन खायो ,

रि मैया मोरी मैं कब माखन खायो ।

भोर भयो … भोर भयो …

भोर  .. गैयन के पाछे,

तुने मधुवन मोहिं पठायो,

भोर भयो … भोर भयो .. भोर भयो गैयन के पाछे,

तुने मधुवन मोहिं पठायो ।

चार प्रहर बंसीबट भटक्यो,

साँझ परे मैं घर आयो,

साँझ परे मैं घर आयो,

रि मैया मोरी मैं कब माखन खायो ,

रि मैया मोरी मैं कब माखन खायो ।

मैया मोरी मैं बालक बहिंयन को छोटो, छोटो, छोटो, छोटो, छोटो,

मैं बालक बहिंयन को छोटो,

ये छींको किस विधि पायो,

ये छींको किस विधि पायो ।

मैया ये ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं, ये ग्वाल बाल सब बैर पड़े हैं, बरबस मुख लपटायो

रि मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ।

मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो ।

अरी हां मेरी मैया, अरी हां मेरी मैया,

अरी भोली मेरी मैया, प्यारी प्यारी मेरी मैया ,

अरी हो मेरी मैया, अरी हां मेरी मैया,

मैया तु जननी, मैया तु जननी, मन की अति भोली,

तु जननी, मैया तु जननी, मन की अति भोली,

इनके कहे पतियायो रे मैया मोरी, इनके कहे पतियायो

मैया ये लै अपनी लकुटि कमलिया, ये लै अपनी लकुटि कमलिया, तुने बहुत ही नाच नचायो …

मैया मोरी मैं नहीं माखन खायों

मैया मोरी…..

मैया जिया तेरे कुछ भेद उपजहैं,

जिया तेरे कुछ भेद उपजहैं

तुने मोहे जानो परायो जायो

तुने मोहे जानो परायो जायो

सुरदास तब हँसि जसोदा,

सुरदास तब हँसि जसोदा

लेउरगंठ लगायो

लेउरगंठ लगायो

नैन नीर भरी आयो

नैन नीर भरी आयो

कन्हैया

कन्हैया तैं नहीं माखन खायों

कन्हैया मोरी तै नहीं माखन खायों

लल्ला मोरी तैं नहीं माखन खायों

कन्हैया तै नहीं माखन खायों …

ओ मैया मैं नहीं माखन खायों …

ओ सुन मैया मोरी, ओ सुन मैया मोरी

मै ने ही माखन खायों

सुन मैया मोरी मैं ने ही माखन खायों

सुन मैया मोरी मैं ने ही माखन खायों

रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों, रे माखन खायों,

सुन मैया मोरी मैं ने ही माखन खायों

सुन मैया मोरी

मैं ने ही माखन , मैं ने ही माखन, मैं ने ही माखन खायों

22. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

तुम्हें अपना बना बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

कभी दुनियाँ से डरते थे, छुप छुप याद करते थे,

लो अब परदा हटा बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

तुम्हें अपना बना बैठे, जो होगा देखा जायेगा,

कभी यह ख़याल था दुनियाँ , हमें बदनाम कर देगी,

शर्म अब बेच खा बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा,

तुम्हें अपना बना बैठे, जो होगा देखा जायेगा,

तेरे दरबार आया हूँ, फूल श्रद्धा के लाया हूँ।

तेरे दरबार आया हूँ, फूल श्रद्धा के लाया हूँ।।

तेरे चरणों में आ बैठे, जो होगा देखा जायेगा।

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा…

तुम्हें अपना बना बैठे, जो होगा देखा जायेगा

दीवाने बन गए तेरे, तो अब दुनिया से क्या डरना।

दीवाने बन गए तेरे, तो अब दुनिया से क्या डरना।।

तेरी गलियों में आ बैठे, जो होगा देखा जाएगा

लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा…

तुम्हें अपना बना बैठे, जो होगा देखा जायेगा

चलावे तीर नज़रों के, जिगर के पार हो जावे।

चलावे तीर नज़रों के, जिगर के पार हो जावे।।

सलोनी सांवली सूरत, मोहन नाल प्यार हो जावे

चलावे तीर नज़रों के, जिगर के पार हो जावे।

चलावे तीर नज़रों के, जिगर के पार हो जावे।।

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय राधे…

जय जय श्री राधे…

23. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

तेरा साथ ठंडी छाया बाकी दुनिया धुप है

जब जब भी इसे पुकारूँ मैं

जब जब भी इसे पुकारूँ मैं

तस्वीर को इसकी निहारूं मैं

(जब जब भी इसे पुकारूँ मैं

तस्वीर को इसकी निहारूं मैं)

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

आ…

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

(मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने)

खुश हो जाये अगर सांवरिया किस्मत को चमका देता

खुश हो जाये अगर सांवरिया किस्मत को चमका देता

हाथ पकड़ ले अगर किसी का जीवन स्वर्ग बना देता

ये बातें सोच विचारूं मैं,

ये बातें सोच विचारूं मैं तस्वीर को इसकी निहारूं मैं

(ये बातें सोच विचारूं मैं तस्वीर को इसकी निहारूं मैं)

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

आ…

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

(मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने)

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

आ…

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

तेरा साथ है ठंडी छाया बाकी दुनिया धुप है

जब जब भी जग से हारूं मैं

जब जब भी जग से हारूं मैं तस्वीर को इसकी निहारूं मैं

(जब जब भी जग से हारूं मैं तस्वीर को इसकी निहारूं मैं)

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

आ…

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

(मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने)

गिरने से पहले ही आकर बाबा मुझे संभालेगा

आ…

गिरने से पहले ही आकर बाबा मुझे संभालेगा

पूरा है विश्वास राज को तूफानों से निकलेगा

ये तन मन तुझपे वारूँ मैं

ये तन मन तुझपे वारूँ मैं

तस्वीर की इसकी निहारूं मैं

(ये तन मन तुझपे वारूँ मैं

तस्वीर की इसकी निहारूं मैं)

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

आ…

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

(मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने)

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

श्याम सवेरे देखूं तुझको कितना सुन्दर रूप है

तेरा साथ ठंडी छाया बाकी दुनिया धुप है

तेरा साथ ठंडी छाया बाकी दुनिया धुप है

जब जब भी इसे पुकारूँ मैं

तस्वीर को इसकी निहारूं मैं

(जब जब भी इसे पुकारूँ मैं

तस्वीर को इसकी निहारूं मैं)

ओ मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने

24. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

छवि लगी मन श्याम की जब से २-

भई बावरी मैं तो तब से २-

बाँधी प्रेम की डोर मोहन से २-

नाता तोड़ा मैंने जग से २-

ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

मोहन की सुन्दर सूरतिया २-

मन में बस गयी मोहनी मूरतिया २-

जब से ओढ़ी शाम चुनरिया २-

लोग कहे मैं भई बावरिया २-

मैंने छोड़ी जग की रीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

हर दम अब तो रहूँ मस्तानी २-

लोक लाज दीनी बिसरानी २-

रूप राशि अंग अंग समानी २-

हे रत हे रत रहूँ दीवानी २-

मई तो गाऊँ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

मोहन ने ऐसी बंसी बजायी २-

सब ने अपनी सुध बिसरायी २-

गोप गोपिया भागी आई २-

लोक लाज कुछ काम न आई २-

फिर बाज उठा संगीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

भूल गयी कही आना जाना २-

जग सारा लागे बेगाना २-

अब तो केवल शाम सुहाना २-

रूठ जाये तो उन्हें मनाना २-

अब होगी प्यार की जीत ये दुनिया क्या जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

हम प्रेम नगर की बंजारन २-

जप तप और साधन क्या जाने २-

हम शाम के नाम की दीवानी २-

नित नेम के बंधन क्या जाने २-

हम बृज की भोली गंवारनिया २-

ब्रह्म ज्ञान की उलझन क्या जाने २-

ये प्रेम की बाते है उद्धव २-

कोई क्या समझे कोई क्या जाने २-

मेरे और मोहन की बातें २-

या मै जानू या वो जाने २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

शाम तन शाम मन शाम हैं हमारो धन २-

आठो याम पूछो हमें शाम ही सो काम हैं २-

शाम हिये शाम पिए शाम बिन नाही जिए २-

आंधें की सी लाकडी आधार शाम नाम है २-

शाम गति शाम मति शाम ही हैं प्राणपति २-

शाम सुख दायी सो भलाई आठो याम हैं २-

उद्धव तुम भये बवरे पाथी ले के आये दोड़े २-

हम योग कहा राखे यहाँ रोम रोम शाम है २-

क्या जाने कोई क्या जाने २-

मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने २-

मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने २-

25. श्री कृष्ण भजन लिरिक्स – कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने

जब द्रौपदी दुष्टों ने घेरी, जब द्रौपदी दुष्टों ने घेरी,

जब द्रौपदी दुष्टों ने घेरी,जब द्रौपदी दुष्टों ने घेरी,

कैसा चिर बढ़ाया रे, श्याम तेरी उंगली ने

कैसा चक्कर चलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने

जहर का प्याला राणाजी ने भेजा,

जहर का प्याला राणाजी ने भेजा,

कैसा अमृत बनाया रे, श्याम तेरी उंगली ने,

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने,

जब प्रह्लाद कहाड़ मे गेरा,जब प्रह्लाद कहाड़ मे गेरा,

जब प्रह्लाद कहाड़ मे गेरा,जब प्रह्लाद कहाड़ मे गेरा,

कैसा कमल खिलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने,

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने,

जब नरसी ने तुमको टेरा, जब नरसी ने तुमको टेरा,

जब नरसी ने तुमको टेरा, जब नरसी ने तुमको टेरा,

कैसा भात भराया रे, श्याम तेरी उंगली ने,

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने,

जब अर्जुन ने जायदत्त को मारा, जब अर्जुन ने जायदत्त को मारा,

जब अर्जुन ने जायदत्त को मारा, जब अर्जुन ने जायदत्त को मारा,

कैसा सूरज छिपाया रे, श्याम तेरी उंगली ने

कैसा चक्कर चलाया रे, श्याम तेरी उंगली ने

जब जब भक्तो ने तुमको पुकारा, जब जब भक्तो ने तुमको पुकारा

जब जब भक्तो ने तुमको पुकारा, जब जब भक्तो ने तुमको पुकारा

सबका कष्ट मिटाया रे, श्याम तेरी उंगली ने

कैसा चक्कर चलाया रे श्याम तेरी उंगली ने

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